सैफ अली खान और करीना कपूर के बेटे तैमूर के नाम को लेकर एक बार फिर विवाद गरमा गया है. इस बार नामी कवि कुमार विश्वास ने तैमूर का जिक्र करते हुए कहा कि – मायानगरी में बैठने वालों को समझना होगा कि ये देश क्या चाहता है.अब ये नहीं चलेगा कि लोकप्रियता हमसे लोगे, पैसा हम देंगे, टिकट हम खरीदेंगे, हीरोइन हम बनाएंगे और तुम्हारी तीसरी शादी से औलाद होगी तो तुम उसका नाम बाहर से आने वाले आक्रमणकारी के नाम पर रख लोगे. ये नहीं चलेगा.
कुमार विश्वास ने कहा कि कोई और नाम रख लेते, रिजवान, उस्मान, यूनुस रख लेते. तुम्हे एक ही नाम मिला. जिस बदतमीज आदमी ने, जिस लंगडे आदमी ने हिंदुस्तान में आकर यहां की मां-बहनों का बलात्कार किया वो लफंगा ही मिला तुम्हे इस प्यारे बच्चे का नाम रखने के लिए. अगर इसे हीरो बनाओगे तो इसे खलनायक तक नहीं बनने देंगे. ये याद रखना. ये जागा हुआ नया भारत है.
काफी पुराना है तैमूर के नाम पर विवाद
बता दें कि साल 2016 में तैमूर के जन्म के बाद जब करीना और सैफ ने अपने बेटे का नाम तैमूर रखने का फैसला किया तभी से ये विवाद चला आ रहा है. जबकि करीना-सैफ का कहना है कि उन्होंने किसी शासक के नाम पर अपने बेटे का नाम तैमूर नहीं रखा है. बल्कि तैमूर का मतलब लोहा है, इसलिए उन्हें ये नाम पसंद आय़ा.
कौन था तैमूर लंग
तैमूर लंग, समरकंद से आया एक क्रूर आक्रमणकारी (मंगोल) था. साल 1398 में उसने दिल्ली पर हमला कर यहां जमकर लूटपाट की थी. उस वक्त फिरोज शाह तुगलक की मौत के बाद दिल्ली ही पूरे भारत की हालत नाजुक थी. दिल्ली में घुसते ही तैमूर के सैनिकों ने महिलाओं और बच्चों तक को नहीं छोड़ा. इतिहासकार लिखते हैं कि दिल्ली में लगातार तीन दिन तक ऐसा नरसंहार हुआ कि सड़कों पर लाशों के ढेर लग गए. हर इलाके से सड़ रही लाशों की बदबू आने लगी थी. ऐसा माना जाता है कि इस हमले के बाद दिल्ली में भुखमरी से लोग मरने लगे. इससे उबरने में दिल्ली को सौ साल लग गए थे. (तस्वीर साभार – डॉ कुमार विश्वास फेसबुक पेज से साभार)