अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को एक साल पूरे होने वाले हैं. इस उपलक्ष्य में प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ (सालगिरह) का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. पिछले साल 22 जनवरी (पौष शुक्ल द्वादशी) को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हुआ था. लेकिन प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ यानी रामलला का पाटोत्सव 22 जनवरी की बजाए 11 जनवरी को मनाया जाएगा. क्योंकि इस बार पौष शुक्ल द्वादशी 22 जनवरी की बजाए 11 जनवरी को पड़ रही है. अयोध्या में सोमवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में महंत नृत्य गोपाल दास की अध्यक्षता में हुई. जिसमें प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ अंग्रेजी की तिथि की बजाए हिंदी तिथि के हिसाब से मनाया जाएगा.
अयोध्या में अगले साल मनाए जाने वाले इस कार्यक्रम का नाम प्रतिष्ठा द्वादशी रखा गया है. यह उत्सव तीन दिन का होगा. पिछले साल 22 जनवरी को ही करीब 500 साल की प्रतीक्षा के बाद रामलला अयोध्या में एक बार फिर अपने भव्य मंदिर में विधि-विधान से विराजमान हो हुए थे. इस पल को भारत की सांस्कृतिक समृद्धि के नव अध्याय का शुभारंभ कहा गया था. अयोध्या से लेकर उज्जैन तक, कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक पूरे देश में श्रद्धालुओं ने रामलला के विराजमान होने पर उत्सव मनाया था. यही नहीं घरों और मंदिरों में रामज्योति जलाकर दिवाली भी मनाई गई थी.