उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि भारत में हिंदू और सनातन का जिक्र करने पर हैरान करने वाली प्रतिक्रिया सामने आती हैं. यह विडम्बनापूर्ण औऱ दुखद है. जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में 27वें इंटरनेशनल वेदांत सम्मेलन के उद्घाटन भाषण में उपराष्ट्रपति ने कहा कि हम सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक हैं जो कई मायनों में अद्वितीय और बेजोड़ हैं. लेकिन दुर्भाग्य और दर्द की बात है कि इस देश में सनातन और हिंदू का उल्लेख करना समझ से परे हैरान करने वाली प्रतिक्रियाएं पैदा करता है.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि इन शब्दों की गहराई, गहरे अर्थ को समझने की बजाए लोग फौरन प्रतिक्रिया देने लगते हैं. क्या अज्ञानतता इससे भी अधिक चरम पर हो सकती है. क्या उनकी चूक की गंभीरता को स्वीकार किया जा सकता है. ये वे आत्माएं हैं जिन्होंने खुद को गुमराह किया है. जो एक खतरनाक प्रणालीगत तंत्र द्वारा संचालित हैं जो न केवल इस समाज बल्कि उनके लिए भी खतरा हैं. (तस्वीर साभार- वाइस प्रेसीडेंट ऑफ इंडिया फेसबुक पेज से साभार)