Sambhal violence : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि संभल में देसी और विदेशी मुस्लिमों के वर्चस्व की लड़ाई चल रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि संभल में तुर्क और पठान का विवाद चल रहा है. विधानसभा में संभल हिंसा को लेकर उन्होंने कहा कि – क्या यह सच नहीं है कि देसी और विदेशी मुसलमान के वर्चस्व की लड़ाई है.
इससे पहले यूपी के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई थी. जांच में यह बात सामने आई कि इस हिंसा के पीछे की वजह तुर्क और पठान के बीच वर्चस्व की लड़ाई थी. ये हिंसा उस वक्त भड़की जब तुर्क समुदाय के समर्थकों ने पठान समुदाय के विधायक इकबार महमूद अंसारी के समर्थकों पर फायरिंग कर दी. ये लड़ाई एक दूसरे समुदाय के लोगों को दबाने के लिए हुई थी. पुलिस पहले से ही कह रही थी कि मारे गए चारों लोग पुलिस की गोली से नहीं मारे गए थे.
पुलिस के मुताबिक समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और संभल सदर सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल का नाम हिंसा में आ रहा है. इन दोनों को नामजद किया गया है. जियाउर्रहमान बर्क ने जामा मस्जिद के संरक्षण को लेकर भड़काने वाली बातें कही थीं. पुलिस की FIR के मुताबिक 22 नवंबर को जियाउर्रहमान बर्क ने जामा मस्जिद में नमाज अदा करने के बाद भीड़ को जुटाया और सियासी फायदा लेने के लिए उन्हें भड़काया.
इसके बाद 24 नवंबर को सर्वे को रोकने के लिए आई में सुहैल इकबाल भी मौजूद थे. उन्होंने भीड़ को भड़काते हुए कहा कि जियाउर्रहमान बर्क हमारे साथ हैं. हम लोग आपके साथ हैं. कुछ नहीं होने देंगे. अपने मंसूबे पूरे कर लो. सुहैल इकबाल की बातें सुन कर भीड़ हिंसक हो गई और नारेबाजी करते हुए पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. पुलिस की गाड़ी और दूसरी कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. यही नहीं भीड़ में शामिल एक शख्स ने तो एक पुलिस अधिकारी पर जान लेने के मकसद से फायरिंग की. इस फायरिंग में पुलिसकर्मी घायल गया.
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
संभल की जामा मस्जिद को लेकर अर्जी के बाद 19 नवंबर को मस्जिद का सर्वे किया गया. इस अर्जी में जामा मस्जिद की जगह हरिहर मंदिर होने का दावा किया गया. 22 नवंबर को जियाउर्रहमान बर्क ने मस्जिद में लोगों को भड़काया. इसके बाद 24 नवंबर को सर्वे के दौरान प्रशासन द्वारा किए जा रहे सर्वे को हथियारों से लैस लोगों द्वारा बाधित किया गया. इस मामले में जियाउर्रहमान बर्क और सुहैल इकबाल समेत करीब 800 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है.