असम में अवैध घुसपैठ को लेकर गंभीर हिमंता बिस्वा सरमा सरकार ने अहम फैसला लिया है. अब राज्य में 18 साल से ज्यादा उम्र वाले लोग अगले एक साल तक नए आधार कार्ड नहीं बनवा सकेंगे. राज्य सरकार ने ऐसे आधार कार्ड बनवाने पर एक साल की रोक लगा दी है. हालांकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और चाय बागान मजदूरों पर यह रोक लागू नहीं होगी. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि जिन समुदाय के लोग अभी तक आधार कार्ड नहीं बनवा पाए हैं. उन्हें सितंबर महीने में आवेदन का मौका मिलेगा. इसके बाद सिर्फ विशेष परिस्थितियों में ही आवेदन पर आधार कार्ड जारी होगा.
अभी पिछले दिनों असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अवैध घुसपैठ पर चिंता जताते हुए राज्य की जनसांख्यिकीय बदलाव (demographic change ) को लेकर बड़ा दावा किया था. उन्होंने कहा था कि अगर जनसंख्या वृद्धि की दर ऐसी ही बनी रही तो 2041 तक असम में मुस्लिम आबादी करीब हिंदुओं के बराबर हो जाएगी. कैबिनेट की बैठक के बाद एक प्रेस ब्रीफिंग में मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि 2011 की जनगणना के मुताबिक राज्य की करीब 34 प्रतिशत मुस्लिम आबादी में से 31 प्रतिशत वो लोग हैं जो पहले असम में प्रवासित हुए हैं.
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि असम की कुल मुस्लिम आबादी में से 3 फीसदी स्वदेशी असमिया मुस्लिम हैं. साल 2011 में छह जिले मुस्लिम बहुल थे आज ये 11 जिले हो गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि असम में 29 लाख बीघा भूमि अवैध बांग्लादेशियों और संदिग्ध नागरिकों के अतिक्रमण में है. मैं इतनी भूमि के लिए योजना नहीं बना सकता. मेरी उम्र खत्म हो जाएगी. लेकिन तब भी पूरी अतिक्रमण भूमि खाली नहीं होगी.
‘असम पर कंट्रोल चाहता है अल्पसंख्यक समुदाय’
इससे पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया था कि बांग्लादेश मूल का समुदाय कांग्रेस को वोट देगा क्योंकि वो अगले 10 साल में असम पर कंट्रोल करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि इस चुनाव से ये साबित हो गया है कि हिंदू सांप्रदायिकता में शामिल नहीं होते. असम में अगर को कोई सांप्रदायिकता करका है तो एक समुदाय करता है. एक धर्म करता है. कोई दूसरा धर्म वहां सांप्रदायिकता नहीं करता. (तस्वीर एआई से निर्मित)