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Uttarakhand में Uniform Civil Code लागू, अधिसूचना जारी

Anju Pankaj Desk, January 28, 2025January 28, 2025

Uniform Civil Code in Uttarakhand – उत्तराखंड सरकार में समान नागरिक संहिता लागू हो गई है. इस तरह आजाद भारत में Uniform Civil Code लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी लागू किए जाने का एलान करते हुए कहा कि – हमने जो कहा वो किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में हमारी सरकार ने आज उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू कर दिया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंडवासियों के साथ ही समस्त देशवासियों के लिए भी आज का दिन विशेष है. मुझे यकीन है कि उत्तराखंड से निकली समानता की यह धारा निकट भविष्य में संपूर्ण देश को अभिसिंचित करेगी.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमने दिनांक 12 फरवरी 2022 को देवतुल्य जनता के समक्ष यह वादा किया था कि हम प्रदेश के सभी नागरिकों को समान अधिकार देंगे. देवतुल्य जनता ने हम पर विश्वास व्यक्त करते हुए हमें पूर्ण बहुमत दिया. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू किया जाना जनता के सामने लिए गए संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने में हमारी प्रतिबद्धता को परिलक्षित करता है.

बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की जनता से समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया था. मार्च 2022 में नई सरकार के गठन के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में इसके लिए विशेषज्ञ समिति बनाने का फैसला किया गया. इसकी रिपोर्ट के आधार पर सात फरवरी को विधानसभा में समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड 2024 विधेयक पारित किया गया.

कमेटी की सिफारिश में क्या था?
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर बनी कमेटी ने मुख्य रूप से पैतृक संपत्तियों में महिलाओं को बराबरी का हक देने, गोद लेने, तलाक के एक जैसे अधिकार, बहुविवाह पर प्रतिबंध और लैंगिक समानता पर जोर दिया गया है. इस ड्राफ्ट में कमेटी ने हलाला, इद्दत और ट्रिपल तलाक को दंडनीय अपराध बनाने की सिफारिश की थी. साथ ही साथ लिव-इन रिलेशन के लिए रजिस्ट्रेशन को जरूरी बनाने को कहा गया. समिति ने ये भी कहा है कि सभी धर्मों में युवतियों की शादी की उम्र 18 साल और लड़कों के लिए 21 साल होनी चाहिए. जबकि मुस्लिम पर्सनल लॉ किसी भी लड़की की शादी को मान्यता देता है. हालांकि इस रिपोर्ट में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कुछ नहीं कहा गया है.

समान नागरिक संहिता लागू होने से क्या होगा?
समान नागरिक संहिता लागू होने से मुस्लिम समाज की महिलाओं को बाकी समाज की महिलाओं की तरह हक मिलेंगे. उन्हें पैतृक संपत्ति, बच्चों को गोद लेने का अधिकार मिलेगा. साथ ही बहुविवाह पर रोक और शादी की उम्र 18 वर्ष तय हो जाएगी. समान नागरिक संहिता लागू होने पर शादी का रजिस्ट्रेशन भी जरूरी हो जाएगा. इसके बगैर विवाह अुवैध माने जाएंगे. इस मसौदे में अनुसूचित जनजातियों को समान नागरिक संहिता के दायरे से बाहर रखा गया है. (तस्वीर साभार- पुष्कर सिंह धामी फेसबुक पेज से साभार)

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