Madhya Pradesh Mandir : नवरात्र चल रहा है, ऐसे में हमारी टीम अपने पाठकों को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के माता के मंदिरों के बारे में बता रही है. इसी क्रम में आज हम आपको बताने जा रहे हैं मध्य प्रदेश के रतलाम में स्थित गढ़खंखाई माता मंदिर के बारे में, जहां मां दिन में तीन रूपों में भक्तों को दर्शन देती हैं. सुबह बाल रूप में, दोपहर को युवा रूप में और रात में वृद्ध रूप में उनका स्वरूप नजर आता है. यह मंदिर रतलाम से 40 किलोमीटर दूर राजापुर गांव में माही नदी के किनारे स्थित है. नवरात्र पर यहां बड़ी संख्या में दर्शनार्थी मां के दर्शन के लिए जुटते हैं. इसके अलावा बारहों महीने दूर दूर से लोग पर्यटन के बहाने आते हैं.
कहा जाता है कि यह मंदिर हजार साल पुराना है. रतलाम में राजा रतन सिंह द्वारा रतलाम गढ़ का निर्माण कराया जा रहा था. गरबे के दौरान राजा ने माता का पल्ला पकड़ रखा था. मां ने कहा – जो चाहिए मांग लो, इस पर राजा रतन सिंह ने कहा कि – आप चाहिए. इस पर मां नाराज हो गईं. उन्होंने खंखार (खांसने जैसा) कर श्राप दे दिया. इस श्राप से बन रहा गढ़ ढह गया. इसके बाद से यह जगह का नाम गढ़खंखाई पड़ गया. स्थानीय लोगों का मानना है कि यहां मां भद्रकाली के रूप में विराजती हैं. सभी की मनोकामना पूर्ण करने वाली मां की मूर्ति गुजरात के पावागढ़ से उड़कर इस जगह पर आई थी. संतान सुख के लिए लोग मां की विशेष पूजा करते हैं.
कैसे पहुंचें गढ़खंखाई माता मंदिर ?
रतलाम रेलवे स्टेशन से करीब 40 किलोमीटर सड़क मार्ग से सफर कर यहां पहुंचा जा सकता है. इंदौर एयरपोर्ट से यह मंदिर 140 किलोमीटर दूर है. अगर आप राजस्थान के बांसवाड़ा से आ रहे हैं तो बाजना होते हुए बाय रोड यहां पहुंचा जा सकता है.