मालेगांव ब्लास्ट मामले में दोषमुक्त हो चुके लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित को कांग्रेस सरकार ने आतंकवादी साबित करने के लिए तमाम यातनाएं दी थीं. केंद्र की यूपीए और महाराष्ट्र की कांग्रेस-एनसीपी सरकार के निर्देश पर महाराष्ट्र एटीएस ने उन पर आरएसएस, वीएचपी के नेताओं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लेने का दबाव डाला था. इसके लिए कर्नल का पैर तोड़ा गया, उन्हें नंगा कर प्राइवेट पार्ट पर चोट की गई. उन्हें ब्लास्ट की जिम्मेदारी लेने के लिए टॉर्चर किया गया. उन्होंने खुद कोर्ट के सामने यह बयान दिया है. यही नहीं मेजर रमेश उपाध्याय को परिवार वालों को नंगा घुमाने और रेप करने की धमकी दी जाती थी.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मालेगांव ब्लास्ट मामले में फैसला आने के बाद कांग्रेस को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि कोर्ट का यह फैसला कांग्रेस के भारत विरोधी, न्याय विरोधी और सनातन विरोधी चरित्र को एक बार फिर से उजागर करता है. जिसने भगवा आतंकवाद जैसा मिथ्या शब्द गढ़कर करोड़ों सनातन, आस्थावानों साधु-संतों और राष्ट्रसेवकों की छवि को कलंकित करने का अपराध किया है. उन्होंने कहा कि मालेगांव ब्लास्ट मामले में सभी आरोपियों का निर्दोष सिद्ध होना सत्यमेव जयते की सजीव उद्घोषणा है.