राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत को फिर सोने से चिड़िया नहीं बनना है, हमें शेर बनना है. क्योंकि विश्व ताकत की बात समझती है औऱ शक्ति संपन्न भारत होना चाहिए. हमारे यहां शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाए और उसे कहीं भी अपने दम पर जिंदा रहने की क्षमता प्रदान करे. केरल में शिक्षा सम्मेलन ज्ञान सभा में मोहन भागवत ने कहा कि- हमें हमेशा भारत ही कहना चाहिए, ना कि हमें इसका अनुवाद करना चाहिए. विकसित, विश्व गुरू भारत कभी भी युद्ध का कारण नहीं बनेगा.
मोहन भागवत ने कहा कि विकसित भारत और विश्व गुरू भारत कभी भी युद्ध का कारण नहीं बनेगा. बल्कि यह विश्व में शांति और समृद्धि का संदेशवाहक होगा. भारत की यह पहचान उसकी शिक्षा प्रणाली और सांस्कृतिक मूल्यों से और मजबूत होगी. उन्होंने कहा कि दुनिया की मौजूदा समस्याओं का एकमात्र समाधान भारतीयता में हैं. लोग भारतीय जीवनदृष्टि अपनाएं और दुनिया को मार्ग दिखाएं.