एक पति-पत्नी के बीच हमेशा झगड़ा होता था. जबकि दोनों की शादी से पहले कुंडली मिलाई गई थी, हर बात की जांच परख कर ली गई थी. लेकिन शादी के बाद ही दोनों के बीच झगड़ा होने लगा. पत्नी को अपने ससुराल वालों और अपने पति में सिर्फ कमियां ही नजर आती थीं. कोई भी उसके पास आता वो अपने पति की कमिया गिनाने लगती थी. हालात यह हो गई थी कि दोनों के रिश्ते अब बिगड़े लगे थे. परिवारवालों और रिश्तेदारों ने हर कोशिश की कि दोनों का रिश्ता बच जाए. लेकिन सभी नाकाम रहे.
एक उसके घर के पास एक सब्जीवाला आया. उस औरत के पास उस दिन सब्जी नहीं थी. उसने सब्जीवाले से पूछा – तुम्हारे पास क्या-क्या सब्जियां हैं. सब्जी वाले ने बोला – मेरे पास आलू, भिंडी, गोभी और टमाटर है. जैसे ही वो औरत टमाटर लेने लगी तो सब्जीवाले ने कहा – बहन आप टमाटर मत लो, टोकरी में जो टमाटर हैं उसमें कुछ खराब हैं. आप दूसरी सब्जी ले लो. इस पर वो औरत बोली – अरे मुझे टमाटर चाहिए तो आलू क्यों ले लूं. तुम टमाटर इधर लाओ, मैं उसमें से जो अच्छे हैं वो छांट लूंगी. इस पर सब्जीवाले ने टमाटर की टोकरी उसे दे दी. उस औरत ने टमाटर छांट कर ले लिए.
इसके बाद औरत ने भिंडी उठाई. तो सब्जीवाले ने कहा – बहन, भिंडी भी आपके काम की नहीं हैं. इसमें से कुछ भिंडी खराब हैं. आप आलू ले लो. इस बार उस औरत ने फिर कहा- क्या ये सब्जियां मेरे लिए नहीं हैं, मुझे जो सब्जी चाहिए वो लूंगी. सब्जीवाले ने कहा- कोई बात नहीं बहन उसमें कुछ भिंडी खराब थीं, इसलिए मैंने ऐसा आपसे कहा. और दूसरी कोई वजह नहीं है. इस पर उस औरत ने कहा – मुझे अच्छी सब्जियों की पहचान है, मैं अच्छी सब्जियां छांट सकती हूं.
जब उस औरत ने अच्छी सब्जियां छांट कर ले लीं तब सब्जीवाले ने उससे कहा – अरे वाह बहन, आप ने अच्छी-अच्छी सब्जियां छांट लीं और खराब सब्जियों को अलग भी कर दिया. लेकिन आप अपने रिश्तों में एक भी अच्छाई नहीं तलाश पाईं. आपको अपने रिश्ते में सिर्फ बुराई ही नजर आई. जैसे आपने सब्जियां छांट ली वैसे रिश्ते में अच्छाई भी तलाशना सीखिए. हर आदमी में कुछ अच्छाईयां भी होती हैं. अगर आप को लोगों में अच्छाईयां देखने आती होतीं तो आपके पति से आपके रिश्ते की चर्चा पूरे मोहल्ले में नहीं हो रही होती. सब्जीवाले की बात उस औरत को समझ में आ गई थी. उसने खुद को बदल लिया और अपने टूटते रिश्ते को बचा लिया. (तस्वीर साभार – https://www.pexels.com)