पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक बीच में छोड़ कर बाहर निकल गई. उन्होंने आरोप लगाया कि – मुझे बोलने नहीं दिया, माइक बंद कर दिया. बैठक में विपक्ष की ओर से सिर्फ मैं शामिल हुई थी. बीजेपी के मुख्यमंत्रियों को बोलने के लिए दस से बीस मिनट का समय दिया गया, जबकि मुझे पांच मिनट मिले. ममता के आरोप पर केंद्र सरकार की ओर से सफाई में कहा गया कि माइक बंद नहीं किया गया. उनका आरोप झूठा है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हर मुख्यमंत्री के बोलने का वक्त तय था.. उन्हें झूठ पर आधारित नैरेटिव गढ़ने की बजाए सच बोलने चाहिए.
ममता पर भड़की कांग्रेस
ममता बनर्जी के बैठक से जाने पर कांग्रेस ने कहा कि उनका यह व्यवहार स्वीकार नहीं किया जा सकता. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि नीति आयोग की बैठक के बारे में ममता बनर्जी जो बातें कह रही हैं, मुझे लगता है कि वो झूठ बोल रही हैं. वह जानती हैं कि वहां क्या होने वाला है. उनके पास स्क्रिप्ट थी.
शनिवार को हुई बैठक में 26 राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के एलजी शामिल हुए. इस बैठक में 10 राज्य के मुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए. हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व्यक्तिगत कारणों से बैठक में नहीं आए.